CEA सुब्रमण्यम ने कहा, आर्थिक सुधारों का असर जल्द दिखेगा

 


CEA सुब्रमण्यम ने कहा, आर्थिक सुधारों का असर जल्द दिखेगा











देश की अर्थव्यवस्था में सुस्ती को दूर करने के लिए सरकार ने कई उपाय किए हैं जिनका असर बहुत जल्द दिखेगा। मुख्य आर्थिक सलाहकार के.वी. सुब्रमण्यम ने सोमवार (9 दिसंबर) को यह बात कही। सुब्रमण्यम ने उद्योग मंडल फिक्की के यंग लीडर्स सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आर्थिक वृद्धि के लिए निजी निवेश सबसे महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाने में निजी निवेश सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और कॉरपोरेट कर की दर में हाल में की गई कटौती का उद्देश्य निवेश को प्रोत्साहन देना है।


उन्होंने कहा कि हम जो भी कदम उठा रहे हैं, चाहे कॉरपोरेट कर की दर में कटौती हो, या वेतन एवं औद्योगिक संबंध पर संहिता, इनका मकसद निवेश के लिए अधिक अनुकूल माहौल बनाना है। सुब्रमण्यम ने कहा, ऐसे में इन उपायों के क्रियान्वयन के पीछे काफी सोच विचार के साथ एजेंडा बनाया गया है और इनके नतीजे जल्द दिखेंगे। 


उल्लेखनीय है कि सरकार ने इस साल सितंबर से लेकर नवंबर के बीच अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए कॉरपोरेट कर में कटौती और रियल एस्टेट को कई रियायतें देने के साथ करीब 2.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की मदद दी है। सरकार को भरोसा है कि आने वाले समय में इससे आर्थिक रफ्तार तेज होगी। उद्योग जगत से जुड़े एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि सरकार के कदम से रातों-रात तेजी की उम्मीद करना नासमझी है।  अर्थव्यवस्था को पटरी पर आने में कम से  एक साल तक समय लग सकता है। 


* 4.5 फीसदी रही जीडीपी दर दूसरी तिमाही में छह साल के निचले स्तर पर।
* 22 फीसदी कर दिया सरकार ने कॉरपोरेट कर घटाकर 30 फीसदी से।


कर कटौती से निवेश बढ़ेगा
सरकार ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और निवेश आकर्षित करने के लिए सितंबर में कॉरपोरेट कर की दर को 30 से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया था। इसके अलावा देश विदेश से निवेश हासिल करने के लिए नई विनिर्माण कंपनियों के लिए कर की दर को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया। 


जीडीपी दर घटने से बढ़ी चुनौती
चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर घटकर छह साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत पर आ गई। इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में यह सात प्रतिशत के उच्चस्तर पर थी।