सौगात : छोटे कर्जदारों का ऋण माफ करने की तैयारी, केंद्र आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को दे सकती है राहत
केंद्र सरकार आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के छोटे कर्जदारों का ऋण माफ करने की योजना पर काम कर रही है। इस योजना पर सरकार करीब दस हजार करोड़ रुपये खर्च कर सकती है। कॉरपोरेट मामलों के सचिव इंजेती श्रीनिवास ने रविवार को कहा कि आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के छोटे कर्जदारों के लिए प्रस्तावित कर्जमाफी की शर्तों को लेकर सूक्ष्मवित्त उद्योग के साथ चर्चा की गई है। यह कर्जमाफी व्यक्तिगत दिवाला एवं ऋणशोधन के तहत होगी और यह ईब्ल्यूएस श्रेणी के सबसे बदहाल मामलों के लिए होगी। प्रस्तावित कर्जमाफी की पेशकश ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) के तहत नई शुरुआत योजना के तहत होगी।
श्रीनिवास ने कहा कि यदि आपने एक बार नई शुरुआत के प्रावधान का लाभ उठा लिया तो आप अगले पांच साल तक इसका लाभ नहीं उठा सकेंगे। यह बकाया कर्ज को कम करने जैसा होगा। पूरे देश भर में तीन से चार साल की अवधि में यह 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक नहीं होगा। उन्होंने बताया कि हमने सूक्ष्मवित्त उद्योग के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है और उनकी चिंताओं पर गौर किया है। हमारा मकसद है कि पात्रता के आधार पर छोटे कर्जदारों का कर्ज माफ किया जाए